भोपाल कोरोना महामारी से साबित हुई स्थाई क्षति के लिए डाव केमिकल मुआवजा दें -गैस पीड़ितों की मांग

 


भोपाल गैस काण्ड के पीड़ितों के 4 संगठनों ने आज एक पत्रकार वार्ता में यह मांग की कि कोरोना महामारी से साबित हुए दूरगामी शारीरिक क्षति के लिए यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाव केमिकल अतिरिक्त मुआवजा दें | संगठनों ने आधिकारिक दस्तावजों से यह दर्शाया कि गैस पीड़ित आबादी में कोरोना की वजह से मृत्यु का दर जिले की अपीड़ित आबादी से 6.5 गुना ज्यादा है  कोरोना महामारी ने इस सरकारी झूठ का पर्दाफाश किया है कि यूनियन कार्बाइड की जहरीली गैसों से 93% पीड़ितों को अस्थाई क्षति पहुँची है", कहा भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संध की अध्यक्षा श्रीमती रशीदा बी ने| हमारे पास मौजूद सरकारी दस्तावेज यह दर्शाते है कि भोपाल जिले में कोरोना महामारी की वजह से हुई 56% मौतें गैस पीड़ित आबादी में हुई है जो भोपाल जिले की आबादी का मात्र 17% ही है | "अब भारत सरकार को चाहिए की यह तथ्य और साथ ही गैस राहत अस्पतालों के रिकार्ड सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सुधर याचिका में पेश करे और कंपनी से अतिरिक्त मुआवजा दिलवाए", कहा भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खां ने| भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एन्ड एक्शन की रचना ढिंगरा ने कहा कि यूनियन कार्बाइड के खुद के दस्तावेज यह बताते है कि मिथाइल आइसो सायनेट (MIC) के असर से स्थाई क्षति पहुँचती है, इसके बावजूद 90% पीड़ितों को अस्थाई रूप से क्षतिग्रस्त मानते हुए मात्र 25,000 मुआवजा दिया गया | 

विश्व व्यापी महामारी ने विश्व कि भीषणतम हादसे के पीड़ितों के साथ हुई नाइंसाफी को साफ़ उजागर कर दिया है", उन्होंने कहा | "कोरोना महामारी के बहाने से डाव केमिकल ने हज़ारो मजदूरों की छटनी की है और सैनिटाइजर के उत्पादन से मुनाफ़ा कमा रही है लेकिन जब महामारी से उसी के अधीन कंपनी के द्वारा ढाई गई स्थाई क्षति उजागर होती है तो डाव नज़र फेर लेती है | भोपाल में यूनियन कार्बाइड के लंबित दीवानी, आपराधिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों से डाव केमिकल भाग रही है", कहा डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे की नौशीन खान ने |