भोपाल मध्यप्रदेश लालजी टंडन हम सब कोरोना वायरस से फैल रही महामारी के साथ संघर्ष कर रहे है। जहाँ एक ओर कोरोना वायरस इतना घातक है कि इसका कोई इलाज नहीं है, वहीं दूसरी ओर इससे बचाव का तरीका अत्यंत सरल है। कुछ दिन सोशल डिस्टेंसिंग कर के हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते है

हम सब कोरोना वायरस से फैल रही महामारी के साथ संघर्ष कर रहे है। जहाँ एक ओर कोरोना वायरस इतना घातक है कि इसका कोई इलाज नहीं है, वहीं दूसरी ओर इससे बचाव का तरीका अत्यंत सरल है। कुछ दिन सोशल डिस्टेंसिंग कर के हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते है। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि कोरोना के संबंध में प्रचारित हो रहे भ्रामक संदेशों से प्रभावित नहीं हों। अपने परिजन, मित्रों और आपके परिचित परिवारों को सचेत करें।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए जरूरी है कि हम सब उसके बचाव के उपायों का स्वयं गंभीरता से पालन करें। अनावश्यक भयभीत नहीं हो। कोरोना का वायरस कोविड-19 क्या है और उससे कैसे बचना है इसकी जानकारी को समझें, उसका पालन करें। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जब खाँसता, छींकता या बोलता है तब उसकी साँस के माध्यम से कोरोना वायरस बाहर आता है और कुछ देर हवा में रहने के बाद आसपास ठोस तलों एवं वस्तुओं पर जम जाता है। संक्रमित व्यक्ति के हाथ संक्रमित होने के बाद व्यक्ति जब किसी अन्य वस्तु को छूता है तब वहाँ भी कोरोना वायरस पहुंच जाता है। ऐसे स्थलों पर उसका जीवनकाल 3 घंटे से लेकर 3 दिन तक हो सकता है। कभी-कभी उससे भी अधिक भी हो सकता है। जब हमारा संपर्क ऐसे स्थलों से होता है तब यह वायरस हमारे हाथ में लग जाता है। जब हम अपना हाथ आंख, नाक या मुंह में लगाते हैं तब उससे हम भी संक्रमित हो जाते हैं।
कोरोना संक्रमण के लक्षण तत्काल नहीं दिखते हैं। कुछ लोगों में चार-पाँच दिन और कुछ में यह 14 दिनों में दिखाई देते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम बचाव के तरीकों का कड़ाई से पालन करें। कोरोना वायरस से बचाव के लिए संसाधनों की नहीं आत्म संयम और संकल्पित होने की जरूरत है। प्रत्येक सामान्य व्यक्ति जब तक बहुत जरूरी नहीं हो तब तक घर से बाहर नहीं निकलें। यदि बाहर जाना पड़ जाए तब भीड़ भरे स्थान जाने से बचें। परिवार के घर पर रहने वाले सदस्यों के अलावा किसी से नहीं मिलें। यदि मिलना आवश्यक हो तब मिलते वक्त व्यक्ति से 1.5 मीटर की दूरी रखी जाए। जब भी घर से बाहर जाएं, बार-बार साबुन से 20 सेकेण्ड तक अथवा सैनिटाइजर से हाथ धोएं।
इसके साथ ही हमें प्रतिबद्ध होना है कि हमारे आस-पास जो भी व्यक्ति किसी भी संक्रमित क्षेत्र से भ्रमण करके आया है या अन्य कारणों से संक्रमित होने की संभावना हो उसे डॉक्टर की सलाह से क्वॉरेंटाइन करें। यह हम सब का दायित्व है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर प्रशासन की सहायता से क्वॉरेंटाइन कराया जाए। समाज में संक्रमण की संभावना रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति क्वॉरेंटाइन करें यदि ऐसे व्यक्ति समाज में खुले में रहेंगे तो बड़ी संख्या में समाज में लोग संक्रमित होंगे। इस बात का विशेष ध्यान रखें यदि कोई व्यक्ति नोवल कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया है तो उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाए। समाज का प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति सेल्फ डिस्टेंसिंग का अनिवार्य पालन करें। यदि कुछ लोग छूट जाएंगे तो कोरोना वायरस के समाज में फैल जाने की संभावना बनी रहेगी। आप सभी से मेरी अपील है कि कोरोना संकट पर विजय हासिल करने के लिए हर व्यक्ति को सजग और सक्रिय होना होगा। जो जहाँ है वही रहें। स्वयं स्वस्थ रहे। दूसरों को स्वस्थ रखे। प्रत्येक व्यक्ति स्वयं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे। ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जिसमें संक्रमण की संभावना है अथवा जो विदेश से आया है वह अनिवार्य रूप से खुद को क्वॉरेंटाइन करें।