भोपाल,19 फरवरी 2020/ प्रदेश की राजधानी में बुधवार को दो दिवसीय आईपीएस आफीसर्स कॉनक्लेव-2020 शुरू हुआ। यहाँ मिंटो हॉल में आईपीएस ऑफीसर्स कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग से भविष्य की पुलिस फोर्स हथियारों के बजाए प्रौद्योगिकी उपकरण से सुसज्जित होगी। इसलिए पुलिस को अभी से नई-नई प्रौद्योगिकी से परिचित होकर उसे अपनाना भी होगा। राज्य सरकार पुलिस बल को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में मध्यप्रदेश की पुलिस प्रौद्योगिकी के उपयोग की दृष्टि से इतनी दक्ष होगी कि अन्य प्रदेशों के लिए आदर्श होगी।मुख्यमंत्री ने श्री कमलनाथ ने कहा कि आर्थिक विकास बढ़ने के साथ ही भिन्न-भिन्न प्रकृति के आर्थिक अपराध भी सामने आ रहे हैं। पुलिस को आर्थिक अपराधों की प्रवृत्ति और प्रकृति से परिचित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण परिणाम के लिये शासन-प्रशासन के सभी अंगों में समरसता जरूरी है। श्री कमलनाथ ने कहा देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश भी विविधताओं से भरा-पूरा है। विविधताओं और भिन्नताओं के बावजूद एक बने रहना हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ सबसे बड़ा वन प्रदेश है बल्कि सबसे बड़ी जनजातीय संख्या वाला प्रदेश भी है।इसलिए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं और विभिन्नताओं को देखते हुए मध्यप्रदेश में पुलिस के सामने भी कई चुनौतियाँ हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। तकनीकी और प्रौद्योगिकी के कारण सामाजिक व्यवहार और नजरिये में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव को पुलिस बल को पहचानना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन का चेहरा होती है। पुलिस समाज को संदेश देने का काम करती है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के लिए अच्छी बात यह है कि यहाँ अपनी धरती पर जन्मा और पनपा आतंकवाद नहीं है। भारतीय समाज की इसमें बड़ी भूमिका है क्योंकि सहिष्णुता के कारण भारतीय समाज में सबको को साथ लेकर चलने की अदभुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को इन बदलावों को समझने और इनके अनुसार रणनीति बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सोच में अलगाव या बंटवारे के विचार की कोई जगह नहीं है। बंटवारे का मतलब है विनाश।मध्यप्रदेश पुलिस ने देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है- पुलिस महानिदेशक पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. सिंह ने कहा कि देशभर में मध्यप्रदेश पुलिस ने अपनी अलग पहचान कायम की है। प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं को अपनाने की दौड़ में मध्यप्रदेश पुलिस अग्रणी है। हाल ही में आयोजित हुई राष्ट्रीय डीजी एवं आईजी कॉन्फ्रेंस में भी इस बात को स्वीकार किया गया था। मध्यप्रदेश पुलिस ने पेशेवर पुलिसिंग के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। इंदौर में स्मार्ट पुलिसिंग, नवाचार, दस्यु उन्मूलन, नक्सलवाद पर अंकुश एवं कठिन मौको पर बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने में मध्यप्रदेश पुलिस सफल रही है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारी सम्मानित हो चुके हैं।श्री सिंह ने कहा बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य और सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए पुलिस की चुनौतीपूर्ण भूमिका को समझकर मध्यप्रदेश पुलिस पूरी दक्षता के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होने पुलिस बल के लिये आवास सुविधाओं के विस्तार और साप्ताहिक अवकाश जैसे निर्णय लेने के लिये मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विशेष पुलिस महानिदेशक एसएएफ श्री विजय यादव ने कॉन्क्लेव के उद्देश्यों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शांति एवं कानून व्यवस्था कायम रखकर प्रदेश के विकास और औद्योगिक निवेश के लिए अच्छा वातावरण उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस प्रतिबद्ध है।उद्घाटन सत्र के अंत में पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. सिंह और आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विशेष पुलिस निदेशक श्री विजय यादव ने आईपीएस ऑफिसर्स की ओर से मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
भोपाल भविष्य की पुलिस हथियारों के बजाए प्रौद्योगिकी से सुसज्जित होगी दो दिवसीय आईपीएस आफीसर्स कानक्लेव-2020 शुरू