सरपंच सचिव की मनमानी और दबंगई से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे मगरोन ग्राम पंचायत के विकास के कार्य घटिया निर्माण का विरोध व शिकायत करने वाले लोगो की सरपंच  द्वारा  की जा रही झूठी शिकायतें

सरपंच सचिव की मनमानी और दबंगई से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे मगरोन ग्राम पंचायत के विकास के कार्य घटिया निर्माण का विरोध व शिकायत करने वाले लोगो की सरपंच  द्वारा  की जा रही झूठी शिकायतें एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी की कहावत मगरोन ग्राम पंचायत में हो रही सच साबित संवाददाता सुनील शाह ठाकुर 8878370013दमोह मप्र दमोह /बटियागढ- जनपद पंचायत के अन्तर्गत मगरोन  ग्राम पंचायत मे हो रहे  विकास के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है  । ग्राम पंचायत में  हाल ही में बन रही सीसी सड़क में  घटिया रेत  घटिया सीमेंट घटिया गिट्टी से सी  सी सड़क का निर्माण किया जा रहा था  जिसके विरोध में गांव के  जागरूक  युवक द्वारा  जनपद पंचायत के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई जिसके बाद  ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ने मिलीभगत कर  उस युवक पर  झूठी शिकायत कर पैसे मांगने के आरोप मढ़ दिए । मतलब यह है कि एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी  ग्राम पंचायत मगरोन में किए गए लगभग हर कार्य में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है जिसको गांव के  कुछ जागरूक युवकों द्वारा  शिकायत करके  सही कार्य तथा गुणवत्ता पूर्ण  निर्माण  की बात कही गई जिसके बाद  ग्राम कि महिला सरपंच ने उसकी झूठी शिकायत मगरोन थाना प्रभारी  से कर के  उसे फंसाने की कोशिश की । गौरतलब है कि बस स्टैण्ड पर बन रही सी सी सड़क नि र्माण मे सचिव सरपंच ने  मनमानी करके  सड़क मे  जमकर भ्रष्टाचार किया है।अधिकारियो ने नही की जांच-ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि सचिव स्थानीय निवासी मगरोन का होने के कारण मनमानी करके जनपद के अधिकारियो से साठगाठ करके घटिया निर्माण  दिनदहाड़े कराता है  और  साथ ही ग्राम की कुछ दलाल लोमा  तथाकथित पत्रकार बा  अपने चमचों को लेकर  दबंगई से  घटिया निर्माण कराता है । मगरोन के स्थानीय निवासी गांव वासियो ने पहले भी  निर्माण कार्यों की शिकायत  मुख्य कार्यपालन अधिकारी बटियागढ से पहले की है लेकिन जांच मे लीपापोती कर ली जाती है संबंधित सचिवो के  विरुद्ध कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है ! जिससे मगरोन  ग्राम पंचायत में पदस्थ है सचिव के मनोवल बढ रहे है ! वही  कुछ सूत्रों द्वारा बताया गया है कि गांव के जागरूक लोगो  द्वारा सी सी  निर्माण की शिकायत  व रामकुमार तिवारी लाखन सिंह ,सूरज सिंह तीनो लोगो ने सचिव सरपंच पर  आरोप लगाए हैं कि  तीनों लोगों के नाम से  कूप निर्माण कार्य  स्वीकृत थे जो तीनों के  कूप निर्माण अधूरे पड़े हुए हैं  वह  राशि  सरपंच सचिव ने मिलकर आहरण कर ली है । इनका कहना है कि कूप निर्माण के संबंध में हम लोगों ने  अनेक बार सरपंच सचिव  मुख्य कार्यपालन अधिकारी को  लिखित आवेदन  दिया लेकिन  आज तक  सरपंच सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई  ग्राम पंचायत जनसुनवाई में  मुख्य कार्यपालन अधिकारी से 10/ 12/19 मे  शिकायत की तो सरपंच सचिव ने  कार्रवाई से बचने के लिए उल्टा गांव के ही निवासी  ग्रामीण के विरुद्ध थाना मगरोन मे अपने व सचिव के बचाव के लिए  लिखित शिकायत आवेदन दे दिया जिससे सरपंच व सचिव की गांव के निवासी कोई शिकायत न कर सके । सरपंच व सचिव ने बचने के लिए नया तरीका भी तलाश लिया लेकिन  गुणवत्ताहीन सी सी रोड  निर्माण हो जाने के बाद भी  उपयंत्री एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा बिना जांच के ही  भुगतान किया जा रहा है गांव वासियो ने लिखित  शिकायत करने के बाद भी संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है जिससे यही  प्रतीत होता है कि सब कमीशन का खेल चल रहा है तभी तो जांच न करना व  गांव के जागरुक लोगों द्वारा  निर्माण कार्यों में गुणवत्ता व कूप निर्माण कार्यो की  शिकायत करने पर  शिकायतकर्ता  के विरुद्ध सरपंच सचिव अपनी बचत के लिए  गांव के जागरूक नागरिक के विरुद्ध शिकायत की है गांव के सूरज सिंह जो  ग्राम पंचायत मगरोन सचिव सरपंच की शिकायत अनेक बरस से कर रहे है ।सरपंच द्वारा आवेदन मगरोन थाना  मैं दिया गया है जिससे सरपंच सचिव अपनी मनमानी कर सके व सरपच सचिव जैसा चाहे  अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्यों में लीपापोती करते रहे ! वही सचिव के रिश्तेदार भी पत्रकारों को  मगरोन की खबर प्रकाशित ना करने व ग्राम पंचायत में दखल न देने की धमकी दे रहे हैं। इसके साथ ही सरपंच के भ्रष्टाचार  मे सहयोग के रूप में मगरोन के कुछ तथाकथित पत्रकार भी सरपंच के साथ  झूठी शिकायतें करवाने में लिप्त है व  झूठे मामले बनवाने के लिए थाना प्रभारी पर दबाव भी डाल रहे हैं भी डाल रहे है । अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत मगरोन में भ्रष्टाचार की भेंट चल रही ग्राम के विकास कार्यों को सही तरीके से जांच कर की कब तक गति प्रदान की जाती है वह झूठी शिकायतें करने वाली सरपंच सचिव पर क्या कार्यवाही पंचायत तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा की जाती है।