एक अरसे से बंद छोटे मामले में जेल में बंद आरोपी होंगे अब जेल से रिहा

हाईकोर्ट का अहम कदम अरसे से लम्बित छोटे मामलों के जेल में बंद आरोपी होंगे रिहा जबलपुर. सूबे की निचली अदालतों में अरसे से लम्बित छोटे-गौण मामलों के जेल में बंद गरीब आरोपितों को छोडऩे की दिशा में काम हो रहा है। मप्र हाइकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को आदेश जारी कर शीर्ष कोर्ट के इस सम्बंध में जारी हालिया दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। कहा गया है कि 'बेल नॉट जेलÓ के सिद्धांत का पालन कर ऐसे मामलों को चिन्हित किया जाए। हर जिले में गठित अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी उचित समझने पर ऐसे आरोपितों को छोड़ सकती है।जेलों की भीड़ होगी कमहा इकोर्ट ने नवम्बर में जारी आदेश के साथ सुको के उक्त फैसले की प्रति भेजी है। सुको ने 22 अक्टूबर 2018 को एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद ये दिशानिर्देश दिए थे। दिशा-निर्देश में कहा गया कि छोटे-गौण मामलों और गरीब तबके के आरोपित जमानत न भर पाने के चलते लम्बे अरसे से जेल में हैं। इन मामलों को चिन्हित कर विचार के बाद ऐसे आरोपितों को छोड़ा जा सकता है। इससे जेलों की गैरजरूरी भीड़ भी खत्म होगी।