आॅल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के आव्हान पर ईद मीलाद-उन-नबी पर भारत से भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए करोड़ों मुसलमान करेंगे इज्तिमाई दुआऐं 

आॅल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के आव्हान पर
ईद मीलाद-उन-नबी पर भारत से भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए करोड़ों मुसलमान करेंगे इज्तिमाई दुआऐं 
 भोपाल। देश में मुस्लिम त्यौहारों के आयोजनों की मुख्य आयोजक आॅल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के आव्हान पर ईद मीलाद-उन-नबी का पर्व देश भर में करोडों मुसलमान इस बार कुछ खास अंदाज़ में मनायेंगे। इस अवसर पर सभी मस्जिदों, मदरसों, दरग़ाहों, इमामबाड़ों, ख़ानक़ाहों, इस्लामी तालीमी मरक़ज़ों, ज़ियारतग़ाहों, दरसग़ाहों, इस्लामी समाजी इदारों , जमातखानों ,आस्तानों  में सभी मुसलमान सामूहिक रूप से कुरआनख़्वानी, दरूदख़्वानी फातेहा करने के बाद इज्तिमाई दुआ करके  भारत से भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद को फ़ौरन नेस्तूनाबाद करने के लिए अल्लाह पाक से फ़रियाद करेंगे और फिर उसके बाद देश से बुराईयों के ख़ात्मे के लिए संकल्प लेंगे तथा मज़हबी जलसे, जुलूसों में अकीदत से शामिल होकर वतन में अमन-ओ-अमान सुख शांति क़ायम करने के लिये संकल्प अहद करेंगे। 
आॅल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के चैयरमेन और मशहूर इस्लामिक चिंतक पीरज़ादा हज़रत डाॅ. औसाफ़ शाहमीर खुर्रम मिय़ाँ चिश्ती साहब ने देश की सभी मस्जिदों के इमाम साहेबान और खतीबों ,उलेमाओं सहित दरग़ाहों के सज्जादा नशीनों ख़ादिमान, ख़ानक़ाहों के सज्जादगान, इमामबाड़ों के मुतावल्लियान ,मुजाविरान और मुस्लिंम बिरादरियों के चैधरियों, मुखियाओं के लिए बतौर अपील हिदायतनामा जारी कर इस बार भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद के ख़ात्मे के लिए इज्तिमाई दुआ करने के साथ ईद मीलाद-उन-नबी का पवित्र पर्व मनाने का आव्हान किया है।
 पीरज़ादा क़ायद-ए-मिल्लत हज़रत डाॅ. औसाफ़ शाहमीर खुर्रम मिय़ाँ चिश्ती साहब र्ने देशवासियों को ईद मीलाद-उन-नबी की मुब़ारकबाद देते हुए अपने संदेश में कहा है कि इस्लाम और साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार आतंकवाद का कभी भी मेल मिलाप हो ही नहीं सकता है, क्योंकि ”इस्लाम के व्यवहारिक मायने/अर्थ होता है ईमानदारी, एकता, शांति,यानि जैसे  मीठा ठण्डा पानी और भ्रष्टाचार, आतंकवाद का व्यवहारिक अर्थ है दशहतग़र्दी यानी जैसे दहकती आग, जिस तरह आग और पानी का मेल मिलाप कभी नहीं हो सकता है, उसी प्रकार मज़हब-इस्लाम का भी भ्रष्टाचार, आतंकवाद से कोई सरोकार नहीं है।“ दरअसल भ्रष्टाचारी,  साम्प्रदायिकतावादी, आतंकवादी ही तो इस्लाम के सबसे बड़े दुश्मन हैं, जो इस्लाम के दुशमनों ,इज़राईलियों, यहूदियों की साजिशों के तहत मज़हब-ए-इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं और भ्रष्टाचार, आतंकवाद ,लूटमार, खून खराबा कर रहे हैं, बेगुनाह, मासूम लोगों का कत्लेआम कर रहे हैं।
 ज्ञात रहे कि देश के सभी प्रदेशों के तमाम ज़िलों में कार्यरत आॅल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी की ज़िला, शहर, कस्बा इकाईयों से लेकर देहातों, नगर, क़स्बा और मोहल्ला इकाईयों तक के पदाधिकारियों को पीरज़ादा हज़रत  डाॅ. खुर्रम मियाॅं चिश्ती साहब का पैग़ाम सभी मुसलमानों को घर-घर दस्तक़ देकर पहुंचाने के निर्देश कमेटी की मजलिस-ए-शूरा ने दिये हैं। हिन्दुस्तान में मौजूद लगभग 42 करोड़ मुसलमान महिला पुरूष लगभग ढ़ाई लाख से अधिक मस्जिदों, ख़ानक़ाहों, दरग़ाहों, इमामबाड़ों, मदरसों में सुबह 8 से 1 बजे के दरम्यिान इज्तिमाई दुआऐं करने के एहतिमाम करेंगे। दिल्ली में हजरत निज़ामुद्दीन औलिया मस्जिद के शाही मुतावल्ली जनाब सैय्यद अनफ़ाल निज़ामी साहब तथा अजमेर में गद्दीनशीन मौलाना सैय्यद ग्यासउद्दीन चिश्ती साहब, जयपुर में मौलाना फ़रीद अहमद चिश्ती साहब, लखनऊ में मौलाना कफ़ील अहमद साहब, मुम्बई में मौलाना आबिद अली अशरफ़ी साहब, कोलकाता में मौलाना मुजीब-उर-रहमान साहब, पटना में मौलाना नक़ीब आलम साहब, कानपुर में मौलाना हमीद रज़वी साहब, हैदराबाद में मौलाना शफ़ीक-उल-हसन साहब, नागपुर में मुफ़्ती खुर्शीद अली ताजी साहब, चैन्नई में मौलाना क़ासिम अली साहब ,आकोला जलालाबाद मे मुफ़ती रफीक आलम हुसैनी साहब ,इन्दौर मे हाजी शेर अली साहब, सूरत मे जलाल बापू साहब  को यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि देश के विभिन्न प्रांतों के सभी शहरों और क़स्बों में जामा मस्जिदों के इमाम, शहर काज़ियों, मुफ़्तियों, ख़तीबों, मुअल्लिमों, सज्जादानशीनों, मुश्तहिदों, उलेमाओं, गद्दीनशीनों, मुदर्रिसों , मुअल्लिमों , मुस्लिंम कौमं के प्रमुख लोगों को यह दायित्व सौंपे गए हैं।
भवदीय
(क़ाजी सैय्यद अनस अली)
महासचिव