भोपाल लेख आज इस उद्धरण से शुरू होकर, इसने मेरे दिल को छू लिया है और मेरी मानसिकता बदल गई है (निर्मला अन्थोनी)

भोपाल लेख आज इस उद्धरण से शुरू होकर, इसने मेरे दिल को छू लिया है और मेरी मानसिकता बदल गई है (निर्मला अन्थोनी)यदि आप करमा में विश्वास करते हैं तो आप जानते हैं कि ये हमारे अच्छे या बुरे कामो का प्रसाद है यह बहुत गलत समझा जाता है  कर्म दंड नहीं है, बल्कि आपको यह महसूस करने की अनुमति देता है कि आपने अन्य लोगों को कैसा महसूस कराया। सुखद या खेदित ज़िन्दगी गुलज़ार है। हम दुनिया को प्रभावित करते हैं चाहे वह शानदार या छोटे तरीके से हो। हम अपने आप को और दूसरों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं यह एक ऐसा तरीका है जो हमारे जीवन और दूसरों पर प्रभाव डालता है। जब भी हम किसी के साथ बातचीत करते हैं, हम उनका समय और ऊर्जा उधार ले रहे होते हैं। जब हमने उनसे संपर्क किया था तो क्या  वे बेहतर हालत में थे नही थे तो आप ने उनके लिए क्या किया हालातो का सिर्फ आर्थिक आंकलन न मापिये अपितु शारीरिक और मानसिक और आध्यात्मिक   स्थिति को देखते हुए प्रेम और सहानुभूति रखे यही प्रेम की कुंजी है । और आप के श्रम का फल जो कर्म स्वरूप आप प्राप्त करते है।  रहें, सुरक्षित रहें, अपने आप को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखें,